साठ बरस का सुरीला सफर

आज
विविध भारती के साठ वर्ष पूरे हुए। पूरे विविध भारती परिवार को असंख्य शुभकामनाएं।
क्या कहूं..... लिखने बैठी तो शब्द हवाओं में गूंज रहे हैं, भाषा राग में बदल गई है, जज्बात
सागर बन गए हैं। उन्हें शब्दों में बांधना
और Facebook के
ज़रिए आप सब तक
पहुंचाना बड़ा मुश्किल...